100 कत्ल कर जेल जा चुका है ये खूंखार डकैत, सुसाइड के लिए खा चुका है जहर
भिंड/ग्वालियर.70 के दशक में 100 हत्याओं समेत तमाम मामलों में आरोपी रहे पूर्व दस्यु सरगना पंचम सिंह की फिर से पुलिस को तलाश है। इस बार बिजली का बिल जमा न करने को लेकर लहार कोर्ट ने इनका स्थायी वारंट जारी किया है, जिसमें वे फरार चल रहे हैं। जो 100 मर्डर से न डरा, वह बिजली बिल के डर से क्यों हुआ गायब...
दस्यु सरगना पंचम सिंह के दोनों रूप।
35 साल पहले सामाजिक संस्था को दान किया था मकान
- पंचम सिंह ने कहा है कि लहार कस्बे में मेरा एक मकान था, जिसे
करीब 35 साल पहले मैंने सामाजिक संस्था को दान कर दिया था। उसका
दानपत्र भी हमारे पास है।
-ऐसे में संस्था वालों ने बिजली का बिल जमा नहीं किया। करीब दो
लाख रुपए बिल का बकाया हो गया और बिजली कंपनी ने मेरे खिलाफ कार्रवाई
की। जबकि हम लोग तो उस मकान में रह ही नहीं रहे और न ही बिजली का
उपयोग कर रहे।
-सामाजिक संस्था वालों ने ही मकान में आश्रम बना लिया है। इसलिए बिल भी उनको ही जमा करना चाहिए।
-सामाजिक संस्था वालों ने ही मकान में आश्रम बना लिया है। इसलिए बिल भी उनको ही जमा करना चाहिए।
जहर खाकर किया आत्महत्या का प्रयास
-93 वर्षीय पंचम सिंह ने कहा कि जिस संस्था को उन्होंने अपना मकान दान किया था, वे भी उसमें जुड़े हुए थे। लेकिन संस्था वालों ने उनके साथ गाली-गलौज करते हुए गलत व्यवहार किया और बिल जमा करने से भी इनकार कर दिया।
-93 वर्षीय पंचम सिंह ने कहा कि जिस संस्था को उन्होंने अपना मकान दान किया था, वे भी उसमें जुड़े हुए थे। लेकिन संस्था वालों ने उनके साथ गाली-गलौज करते हुए गलत व्यवहार किया और बिल जमा करने से भी इनकार कर दिया।
-ऐसे में हमारे पास कोई सहारा नहीं बचा था और करीब 15 दिन पहले
जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। हालांकि मेरे गुरू स्वामी
संतोषानंद गिरि ने मुझे ऐसा करने से रोका।
पंचम सिंह की तलाश जारी
-लहार टीआई मिर्जा आसिफ बेग ने बताया कि पूर्व दस्यु पंचम सिंह का बिजली बिल के मामले को लेकर स्थायी वारंट जारी हुआ है। तलाश जारी है।
-लहार टीआई मिर्जा आसिफ बेग ने बताया कि पूर्व दस्यु पंचम सिंह का बिजली बिल के मामले को लेकर स्थायी वारंट जारी हुआ है। तलाश जारी है।
2 करोड़ का इनमा रखा गया था डकैत पंचम सिंह पर
-खूंखार डाकू, चंबल के बीहड़ों का राजा, 550 डाकुओं का सरदार और
लगभग 100 कत्लों के आरोप में भारत सरकार द्वारा दो करोड़ रुपए का
इनामी डाकू पंचम सिंह राजयोगी बन गया था।
-कभी चंबल के बीहड़ों में बंदूक की नोक पर दहशत का पर्याय रहा
डाकू सरदार पंचम सिंह राजयोगी बनने के बाद देशभर में अध्यात्म की अलख
जगा रहा है। पंचम ने अध्यात्म और आत्मविश्वास के बल पर जिंदगी बदलने
के गुर सिखाए।
550 डाकुओं ने किया था समर्पण
-चंबल के बीहड़ों में दहशत के रूप में कुख्यात पंचमसिंह जमीनदारों के सताने पर परिवार का बदला लेने के लिए डाकू बने। पंचायत चुनाव के दौरान एक पक्ष का समर्थन करने पर विरोधी गुट के लोगों ने इतना बेरहमी से पीटा कि लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
-चंबल के बीहड़ों में दहशत के रूप में कुख्यात पंचमसिंह जमीनदारों के सताने पर परिवार का बदला लेने के लिए डाकू बने। पंचायत चुनाव के दौरान एक पक्ष का समर्थन करने पर विरोधी गुट के लोगों ने इतना बेरहमी से पीटा कि लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
-इलाज के बाद जब गांव लौटा तो ग्रामीणों पर उत्पीडऩ शुरू हो चुका
था। विरोधी गुट हावी था। हर किसी का जीना दुश्वार था। फिर क्या था
कूद पड़े चंबल के बीहड़ों में 12 डाकुओं के साथ।
-धीरे-धीरे यह कुनबा बढ़कर 550 पहुंच गया। बदले की भावना से छह
लोगों की सरेआम हत्या कर दी गई। करीब 14 साल तक बीहड़ों में दहशत का
पर्याय बना रहा। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और लोकनायक
जयप्रकाश नारायण की प्रेरणा से आत्मसमर्पण किया। तब 550 डाकुओं ने एक
साथ बंदूक छोड़ दी थी।
फिर अध्यात्म से बदलीं राहें
-समर्पण करने के बाद जब पंचम जेल में सजा काट रहे थे, तब प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य संचालिका दादी प्रकाश जेल आईं थीं।
-समर्पण करने के बाद जब पंचम जेल में सजा काट रहे थे, तब प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य संचालिका दादी प्रकाश जेल आईं थीं।
-उन्हें इंदिरा गांधी ने चुनौती दी थी कि डाकुओं का मन बदल कर
दिखाएं। दादीजी ने प्रेरित किया तो मन बदल गया। पंचम सिंह 90 साल के
हैं और आज भी वे राजयोगी बनकर जी रहे हैं।
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